Friday, March 5, 2021

गाय के घी के उपयोग


गाय पूज्यनीय है। वंदनीय है। यदि हम यह कहें कि गाय हमारे जीवन में खुशियां भर सकती है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा। गाय का कच्चा दूध पीने से शरीर के अंदर की कई सारी बीमारियां स्वत: ही खत्म हो जाती हैं। गाय का मूत्र कई बीमारियों में कारगर है। गाय को सुबह-शाम रोटी खिलाने से कई ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। गाय को चारा खिलाने से बुध ग्रह की शुभता मिलती है। जहां तक गाय के घी की बात है, तो इससे दर्जनों बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। जी हां, गाय की घी न सिर्फ पागलपन दूर कर सकता है, बल्कि ऐसे दर्जनों बीमारियां हैं, जो लोखों -करोड़ो रुपए खर्च करके भी आराम नहीं मिल रहा है, वह घी के साधारण प्रयोग से आप ठीक हो सकते हैं। तो यहां हम आपको तीस ऐसी बीमारियों का उल्लेख कर रहे हैं, जो अमूमन होती ही हैं। इन रोगों को गाय के घी से कैसे ठीक किया जा सकता है।


  1. गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।


  1. गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।


  1. गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।


  1. (20-25 ग्राम) घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।


  1. गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।


  1. गाय का घी नाक में डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है।


  1. गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लौट आती है।


  1. गाय का घी नाक में डालने से बाल झडऩा समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।


  1. गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।


  1. हाथ पाओं मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है।


  1. हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।


  1. गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।


  1. गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है


  1. गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।


  1. अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।


  1. हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।


  1. गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।


  1. जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ  है और चिकनाइ खाने की मनाही है, तो गाय का घी खाएं, हार्ट मजबूत होता है।


  1. देसी गाय के घी में कैंसर से लडऩे की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।


  1. देसी गाय का घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बांध लें। प्रात: खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूंट-घूंट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है।


  1. फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।


  1. गाय के घी की छाती पर मालिस करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है।


  1. सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जाएगा।


  1. दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है।


  1. सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा।


  1. यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन को संतुलित करता है । यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।


  1. एक चम्मच गाय का शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।


  1. गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक कि तरह से इस्तेमाल कर सकते है। यह सौराइशिस के लिए भी कारगर है।


  1. गाय का घी एक अच्छा (रुष्ठरु) कोलेस्ट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है।


  1. अगर आप गाय के घी की कुछ बूंदें दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को संतुलित करता है।

Saturday, February 6, 2021

तुलसी


तुलसी के पत्तों का सेवन करते समय ध्यान रखना चाहिए कि इन पत्तों को चबाए नहीं बल्कि ऐसे ही निगल लेना चाहिए। इस प्रकार तुलसी का सेवन करने से कई रोगों में लाभ प्राप्त होता है। तुलसी के पत्तों में पारा धातु भी विद्यमान होती है जो कि पत्तों को चबाने से दांतों पर लगती है। यह हमारे दांतों के लिए फायदेमंद नहीं है। इससे दांत और मुंह से संबंधित रोग का खतरा बना रहता है। अत: तुलसी के पत्तों को बिना चबाए निगलना चाहिए।

मेथी

 

मेथी को बहुत गुणकारी सब्जी माना गया है। लेकिन सिर्फ मेथी ही नहीं उसके बीज भी बहुत उपयोगी होते हैं। भारतभर में मेथी के बीज को आमतौर पर सेवन किया जाता है। इसके बीज एनीमिया यानी खून की कमी के रोगियों को यह बहुत फायदेमंद हैं। मेथीदानों में भी अनमोल औषधीय गुण होते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज के रोगियों के लिए अमृत के समान है।
- साइटिका और कमर दर्द में एक ग्राम मेथी दाना पाउडर और सौंठ पाउडर को थोड़े गर्म पानी के साथ दिन में दो-तीन बार लेना फायदेमंद है।

- मेथी दानों का लेप बालों में लगाने से बाल मजबूत होते हैं, डेंड्रफ खत्म होती है और बाल झडऩे की समस्या से छुटकारा मिलता है। मेथी दानों को रात भर नारियल के गर्म तेल में भिगो कर रखें। सुबह इस तेल से सिर पर मसाज करें।

- डायबिटीज से बचने के लिए रोज सुबह एक छोटा चम्मच मेथी दाना पाउडर पानी के साथ लें। एक टी स्पून मेथी दाने एक कप पानी में रात भर भिगो कर सुबह उसका पानी पीने से काफी आराम मिलता है।

- रोज सुबह-शाम एक से तीन ग्राम मेथी दाने पानी में भिगोकर चबाकर खाने से शरीर के जोड़ में दर्द नहीं होता, जोड़ मजबूत होते हैं। इससे गठिया और मांसपेशियों के दर्द में भी आराम आता है।

- अपच या बदहजमी होने पर आधा चम्मच मेथी दाना पानी के साथ निगलना चाहिए। थोड़ा मेथीदाना सुबह-शाम पानी के साथ निगलने से कब्ज दूर होता है।

- हाई ब्लड प्रेशर होने पर 5-5 ग्राम मेथी और सोया के दाने पीसकर सुबह-शाम पानी के साथ खाना फायदेमंद है। अदरख वाली मेथी की सब्जी खाने से लो ब्लडप्रेशर में फायदा होता है।
आयुर्वेद के अनुसार डाइबिटीज व मधुमेह में मेथी का सेवन बहुत लाभदायक माना गया है। मेथी को भारतभर में आमतौर पर सेवन किया जाता है। यदि मेथी की सब्जी लोहे की कढ़ाही में बनायी गई तो इसमें लौह तत्व ज्यादा बढ़ जाती है। एनीमिया यानी खून की कमी के रोगियों को यह बहुत फायदेमंद है।

किसी भी व्यक्ति की कैल्सियम की दिनभर की जरूरत 400 मि. ग्राम कैल्सियम मिल जाता है। विटामिन ए और सी भी मेथी में खूब रहता है। ये दोनों विटामिन मेथी दानों की तुलना में मेथी की सब्जी में ज्यादा होते है। साधारण मेथी चम्पा व कसूरी मेथी। मेथी व मेथी दाना डाइबिटीज रोगियों के लिए बहुत अधिक लाभदायक है।

यदि दिनभर में 25 से 100 ग्राम तक मेथी दाने किसी भी रूप में सेवन कर लिया जाए तो रक्त शुगर की मात्रा के साथ बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल भी धीरे-धीरे कम होने लगता है। रोगी राहत महसूस करता रहता है। पीसे हुए मेथी दाने 50 से 60 ग्राम मात्रा को एक ग्लास पानी में भिगो दें। 12 घंटे बाद छानकर पीएं। इस तरह से सुबह-शाम रोज दो बार पीते रहने से मधुमेह में आराम मिलता है। इसके अलावा मेथी के पत्तों की सब्जी भी खाएं।

मेथी बहुत ही कारगर औषधि है। इसके साथ ही यह पाचन शक्ति और भूख बढ़ाने में मदद करती है।
अन्य गुणों में बारे में जानिए।

बदहजमी/अपच : घरेलू उपचार में मेथी दाना बहुत उपयोगी होता है। आधा चम्मच मेथी दाना को पानी के साथ निगलने से अपच की समस्या दूर होती है।

साइटिका व कमर का दर्द : आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार मेथी के बीज आर्थराइटिस और सााइटिका के दर्द से निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए 1 ग्राम मेथी दाना पाउडर और सोंठ पाउडर को थोड़े से गर्म पानी के साथ दिन में दो-तीन बार लेने से लाभ होता है।

डायबिटीज : इस रोग से दूर रहने के लिए प्रतिदिन 1 टी स्पून मेथी दाना पाउडर पानी के साथ फांकें। इसके अलावा एक टी स्पून मेथी दाना को एक कप पानी में भिगो कर रात भर के लिए छोड़ दें। सुबह इसका पानी पिएं। इससे सीरम लिपिड लेवल कम होता और वजन भी संतुलित रहता है।

उच्च रक्तचाप : 5-5 ग्राम मेथी और सोया के दाने पीसकर सुबह-शाम पीने से ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है।

न्यूट्रीशनल वैल्यू चार्ट
प्रति 100 ग्राम मेथी दाना में
आर्द्रता - 13.70ग्राम
प्रोटीन - 26.20ग्राम
वसा - 5.80ग्राम
मिनरल्स - 3.0ग्राम
फाइबर - 7.20ग्राम
कार्बोहाइड्रेट - 44.1ग्राम
एनर्जी - 333.0 किलोकैलरी
कैल्शियम - 160.0मिग्रा.
फास्फोरस - 370.0मिग्रा.
आयरन - 6.50मिग्रा.

मेथी घर-घर में सदियों से अपना स्थान बनाए हुए है। खास तौर पर इसका प्रयोग मसालों में किया जाता है। इसके बीजों में फॉस्फेट, लेसिथिन और न्यूक्लिओ-अलब्यूमिन होने से ये कॉड लिवर ऑयल जैसे पोषक और बल प्रदान करने वाले होते हैं। इसमें फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, नियासिन, थियामिन, कैरोटीन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।

मेथी का प्रयोग स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि सौंदर्य बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। मेथी में कैंसर रोधक तत्व भी पाए जाते हैं।

इसका उपयोग डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और पेट संबंधी समस्या में फायदेमंद होता है।

एक लोटा जल

 ऐसा माना जाता है कि सुबह-सुबह महालक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण पर निकलती हैं। इस दौरान जिन घरों में साफ-सफाई और पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है वहां लक्ष्मी निवास करती हैं।

तांबे के लौटे से मुख्य द्वार पर पानी छिड़कने से घर के आसपास का वातावरण पवित्र हो जाता है। नकारात्मकता नष्ट हो जाती है। पवित्र वातावरण घरों में ही सुख-समृद्धि और धन का वास होता है। ऐसे घर में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी प्राप्त होते हैं।

हमारे घर में जो भी महिला सुबह जल्दी उठती हो उसे यह उपाय करना चाहिए। उपाय के लिए स्त्री को सुबह जल्दी उठना है और घर के मुख्य द्वार पर प्रतिदिन तांबे के लौटे से जल छिड़कना है। यह छोटा सा उपाय है लेकिन बहुत कारगर है। जिन घरों में यह उपाय किया जाता है उन्हें महादेवी की कृपा प्राप्त हो जाती है।

शास्त्रों के अनुसार पुण्य बढ़ाने और किस्मत चमकाने का एक उपाय है देवी-देवताओं को जल अर्पित करना। यदि आपके घर के आसपास कोई मंदिर नहीं है या आप मंदिर जा नहीं पाते हैं तो ऐसे में घर के मंदिर में इष्टदेवी-देवताओं की मूर्तियों पर जल अर्पित किया जा सकता है।

देवी-देवताओं पर जल चढ़ाने के साथ ही यदि आप यहां बताया जा रहा 1 लोटे पानी का भी उपाय करेंगे तो आपकी कुंडली के सभी दोषों का निवारण हो जाएगा। भाग्योदय में आ रही बाधाएं दूर हो जाएंगी।

ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रहों के अलग-अलग वृक्ष बताए गए हैं। इन वृक्षों की विधि-विधान से पूजा करने पर ग्रहों के दोष दूर होते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ फल देने वाला हो या किसी ग्रह की कुदृष्टि हो या बुरा प्रभाव देने वाले ग्रहों की युति हो या कोई अशुभ योग बन रहा हो तो ऐसी स्थितियों में पेड़ों से संबंधित कई उपाय हैं, जिन्हें अपनाने पर कुछ ही समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगते हैं।

राशि अनुसार इन पेड़ों को करें एक लोटा जल अर्पित...
मेष एवं वृश्चिक- खैर
वृषभ एवं तुला- गूलर
मिथुन एवं कन्या- अपामार्ग
कर्क- पलाश
सिंह- आक
धनु एवं मीन- पीपल
मकर एवं कुंभ- शमी

इन्हीं पेड़ों की लकडिय़ों से इन राशियों के स्वामी ग्रहों की शांति हेतु हवन किया जाता है।

सभी वृक्षों का अपना अलग महत्व है लेकिन कुछ वृक्ष ऐसे है जिनका शास्त्रों में काफी महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि पीपल में जल अर्पित करने से सभी प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अन्य वृक्ष जैसे नीम, बरगद, बेलपत्र, अशोक, चंदन, आम आदि की भी पूजा की जाती है या इनके फल, पत्ते, तने को पूजा में शामिल किया जाता है।

पीपल में जल चढ़ाने से शनि की साढ़ेसाती या ढय्या में बहुत जल्द लाभ प्राप्त होता है, कालसर्प दोष का प्रभाव भी कम होता है। जिन लोगों का भाग्य साथ नहीं देता उन्हें पीपल में प्रतिदिन जल चढ़ाकर, सात परिक्रमा करनी चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में व्यक्ति को भाग्य का साथ अवश्य मिलने लगेगा।

Thursday, March 28, 2019

लहसुन

वजन घटाने से लेकर डायबिटीज तक, डाइट में लहसुन लेने के फायदे ही फायदे हैं। हाल में एक शोध के दौरान लहसुन के एक नए फायदे का पता चला है जिसके अनुसार हफ्ते में दो बार लहसुन के सेवन से फेफड़े के कैंसर का रिस्क आधा हो जाता है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि हफ्ते में दो बार लहसुन के सेवन से फेफड़ों के कैंसर का रिस्क 44 प्रतिशत तक कम हो जाता है। इतना ही नहीं, उनका यह भी दावा है कि धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए भी लहसुन का सेवन फेफड़ों के कैंसर का रिस्क 30 प्रतिशत तक कम कर सकता है।

लहसुन में मौजूद एलिसिन नामक रसायन फेफड़ों के कैंसर से बचाव में मददगार है। हालांकि शोधकर्ताओं ने फेफड़ों के कैंसर से बचाव के लिए फिलहाल लहसुन के कच्चे जवों के सेवन को ही फायदेमंद माना है।

इससे पहले लहसुन पर हुए वि‌भिन्न शोधों में इसे पेट के कैंसर के लिए फायदेमंद बताया जा चुका है। साउथ आस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी ने अपने शोध में लहसुन के सेवन से पेट के कैंसर से बचाव माना है।

इस शोध का विस्तृत विवरण कैंसर प्रिवेंशन रिसर्चर जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं का मानना है कि लहसुन के इस गुण को देखते हुए कैंसर से बचाव के उपचार में भी इसके इस्तेमाल पर अध्ययन जरूरी है।

लहसुन खाने से न केवल बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है ‌बल्कि इससे हृदय की गति भी सामान्य रहती है। इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर में अच्छे कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं जिनसे बुरे कोलेस्ट्रॉल सरलता से ख़त्म हो जाते हैं।
हाइपरटेंशन और उच्च रक्तचाप के रोगियों को प्रतिदिन कम से कम लहसुन के दो जवे अवश्य खाएं। इसमें मौजूद एलिसिन नामक तत्व उच्च रक्तचाप को सामान्य करने में भी सहायक होते हैं।

लहसुन का सेवन उन लोगों के लिए भी लाभदायक होता है जिनका ख़ून गाढ़ा होता है। लहसुन ख़ून को पतला करता है और रक्त प्रवाह सुचारू करता है। लहसुन शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है और कैंसर जैसे घातक रोग से लड़ने में शरीर की सहायता करता है।

चिकित्सिक पैनिक्रयाज, कोलोक्टोरल, ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर में लहसुन के कच्चे जवे खाने की सलाह देते हैं। लहसुन के सेवन से शरीर में टी-सेल्स, फैगोसाइट्स, लिंफोसाइट्स आदि प्रतिरोधी तत्व बढ़ते हैं और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। इससे किसी भी प्रकार के संक्रमण का प्रभाव शरीर को तुरंत नहीं होता। कुछ शोध से पता चला है कि ठंड के दिनों में लहसुन के सेवन से सर्दी नहीं लगती। ठंड के दिनों में गाजर, अदरक और लहसुन का जूस बनाकर पीने से शरीर को एंटीबायोटिक्स मिलते हैं और ठंड कम लगती है।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि लहसुन के सेवन से दांतों के दर्द में आराम मिलता है। लहसुन को लौंग के साथ पीसकर दांतों के दर्द वाले भाग पर लगाने से दर्द से तुरंत आराम मिलता है।

गर्भावस्था के दौरान लहसुन का नियमित सेवन मां और शिशु, दोनों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यह गर्भ के भीतर शिशु के भार को बढ़ाने में सहायक होता है।

गैस और कब्ज से राहत दिलाए: अगर आपके पेट में गैस बनती है या आप कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं तो लहसुन आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। इसे खाने में कुछ समय तक नियमित रूप से शामिल करें, तेजी से लाभ होगा।

जोड़ों में दर्द हो तो लहसुन को बारीक कर दूध में उबाल लें और पीने लायक हो जाने पर उसे पिएं। जोड़ों के दर्द के साथ-साथ कमर दर्द में भी इससे लाभ होता है।

सुनने की क्षमता बढ़ाए: सुनने की क्षमता बेहतर करने के लिए लहसुन को छील लें। उसके टुकड़े करके सरसों के तेल के साथ पका लें। जब तेल ठंडा हो जाए तो उसकी कुछ-कुछ बूंदें कान में डालते रहें। अगर कान में दर्द होगा तो उससे भी राहत मिलेगी और नियमित रूप से डालते रहते से सुनने की क्षमता भी बेहतर होगी।

हृदय के लिए फायदेमंद: हृदय रोगियों के लिए लहसुन बेहद फायदेमंद मानी जाती है। यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने में सहायक है। इसके सेवन से रक्त संचार में व्यवधान नहीं आता तथा रक्त की धमनियों में लचीलापन बना रहता है। भोजन के बाद कच्चे लहसुन का सेवन या इसे दूध में उबाल कर पीना इस रोग में बेहद लाभकारी है। दिल के मरीजों को लहसुन का नियमित सेवन जरूर करना चाहिए।

स्मरण शक्ति बेहतर बनाए: लहसुन के नियमित सेवन से स्मरण शक्ित बढम्ती है तथा दृष्टि में भी सुधार होता है।

जुकाम में फायदेमंद: जुकाम होने पर लहसुन के रस को रूई के फाहे में रख कर सूंघना चाहिए।

दांतों की तकलीफ है तो पायरिया, मसूढ़ों की सूजन, दांतों में सड़न तथा अन्य दंतविकार में लहसुन का रस शहद के साथ मलने से लाभ होता है।

वैसे तो आप लहसुन खाने में रोजाना ही थोड़ा बहुत लेते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ये आपको कितनी बीमारियों से बचाता है।

लहसुन में ये फायदे हैं।

1    दिल को रखता है दुरूस्त    अगर आप दिल की बीमारियों से परेशान हैं तो लहसुन आपको इनसे बड़ी ही आसानी से छुटकारा दिला सकता है। इसमें खून को पतला करने का गुण पाया जाता है। ये दिल के दौरों को पड़ने से रोकता है।

2    एक एंटीआॅक्सीडेंट    लहसुन में जो एलिसिन पाया जाता है वो निकोटीन के प्रभाव को कम करता है इसलिए स्मोकरस को लहसुन सुबह चबाने की राय दी जाती है।

3    एंटीबैक्टिरीयल    लहसुन एक अच्छा एंटीबैक्टीरियल है। अगर आपको कोई ऐास इंफेक्शन है जो बार- बार परेशान कर रहा है तो लहुन का प्रयोग फायदेबमद होता

4    खून का थक्का बनने से रोकता है    ये बात कई क्लीनिकल ट्राॅयल में सामने आ चुकी है कि अगर किसी का ब्लड प्रैसर बढ़ रहा है और उसने लहसुन से बना कोई भी सप्लीमेंट ले लिया तो उसका ब्लड प्रैसर 1-5 प्रतिशत तक कम हो सकता है। ब्लड प्रैसर में इतनी कमी ही आपको दिल के दौरे से 30-40 प्रतिशत तक निजात दिला सकती है।

5    एंटीसेप्टिक    लहसुन का ये गुण तो लोग सदियों से बताते चले आये हैं। अगर कोई आदमी घायल है तो आप लहसुन की मात्रा उसके खाने में थोड़ी बढ़ा दीजिए और फिर उसका घाव बहुत जल्दी भरना शुरू हो जायेगा।

6    काॅलेस्ट्रोल को कम करता है    काॅलेस्ट्रोल की समस्या से परेशान लोगों के लिए लहसुन का नियमित सेवन अमृत साबित हो सकता है।

7   हाई ब्लड प्रेसर में उपयोगी उच्च रक्त चाप में लहसुन बहुत उपयोगी माना जाता है। लहसुन में पाया जाने वाला सल्फाइड हाई ब्लड प्रैसर को कम करने में काफी मदद करता हैै। ये सल्फाइड लहसुन को पकाने के दौरान भी नष्ट नहीं होते। इसलिए आप सब्जी और दाल में झोंक लगाते वक्त भी इसका प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि इससे इसमें पाये जाने वाले सल्फाइड नष्ट नहीं होते।

8   मुंहासों से बचाता लहसुन  अक्सर युवाओं को मुहासे परेशान करते रहते हैं। ये शरीर में हार्मोनल चेंज, पेट की खराबी की वजह से हो सकते हैं। मुंहासों में लहसुन बहुत ही कारगर साबित होता है।

9   कफ में लहसुन लाभदायक  ठंड या बदलते मौसम में अक्सर किसी भी उम्र के लोगों को कफ और जुकाम जैसी परेशानी हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप लहसुन का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो आप ऐसी छोटी-छोटी समस्याओं से बड़ी ही आसानी से निजात पा सकते हैं।

10  कैंसर के खतरे को कम करता है   लहसुन में जर्मेनियम तत्व पाया जाता है जो एंटी कैंसर के रूप में काम करता है। कैंसर के इलाज में भी डाॅक्टरस लहसुन की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हैं।

प्रतिदिन लहसुन की एक कली के सेवन से शरीर को विटामिन ए, बी और सी के साथ आयोडीन, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्निशयम जैसे कई पोषक तत्व एक साथ मिल जाते हैं।

अगर लहसुन की 2-3 की कलियों को पीसकर गर्म पानी के साथ लेते हैं तो ये ओवरवेट की समस्या से छूटकारा दिलायेगा।
बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लहसुन को पीसकर दूध में उबालकर पीलायें।

लहसुन की कलियों को तवे पर भूनकर बच्चों को खिलाने से सांस की तकलीफ दूर होती है। ये 3-4 कलियों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

अगर किसी विषैले कीड़े ने आप को काट लिया है तो लहसुन को पीसकर उसको लगा लें। याद रहे गर्मी में एक घंण्टे से ज्यादा समय तक इसे त्वचा पर नही लगायें।

इन्फलूएंजा में एक लहसुन का रस पानी में मिलाकर दिन में 2-3 बार पीने से फायदा होगा।

डायबिटीज के मरीजों को अगर लहसुन और त्रिफला का 20-25 ग्राम रस सुबह-सुबह प्रयोग करने से काफी हद तक राहत मिलती है।

लकवा में मांसपेशियों को पुनः सक्रिय करने में लहसुन के तेल की मालिश फायदेमंद होती है।

अगर आपको इसकी गंध अच्छी नहीं लगती तो आप दिन में गार्लिक की 1-1 गोली सुबह शाम ले सकते हैं।

गला बैठ रहा है तो गुनगुने पानी में लहसुन का रस मिलाकर गरारे करें, गला ठीक हो जायेगा।

कुछ सावधानियां  बेशक लहसुन कुदरती खूबियों से भरपूर है। लेकिन इसे उचित मात्रा में ही लेना चाहिए। लहसुन की तासीर काफी गर्म और खुश्क होती है कुछ लोगों को रास नही आती। इसलिए इसका इस्तेमाल संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए खासकर गर्मियों में।

अगर एक या दो लहसुन की लौंग का इस्तेमाल करने पर भी इसका कोई साइडइफेक्ट हो तो इसके लिए अपने डाक्टर से सलाह लें।

अगर आपको कोई बीमारी है तो लहसुन का प्रयोग डाॅक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।

मौसम के हिसाब से लहसुन को खाने में बदलाव करें। जाड़ों में लहसुन अधिक मात्रा में खाया जा सकता है लेकिन गर्मी में इसकी मात्रा सीमित करें।

Wednesday, March 27, 2019

20 ऐसी चीजें जिनका सेवन करके आप अपने यूरिक ऐसिड को नॉर्मल रख सकते हैं।

20 ऐसी चीजें जिनका सेवन करके आप अपने यूरिक ऐसिड को नॉर्मल रख सकते हैं।

1- यूरिक ऐसिड को कन्ट्रोल में रखने का सबसे अच्छा उपाय पानी है। पानी यूरिक ऐसिड को पतला करता है और किडनी को उत्तेजित करता है जिससे शरीर से यूरिक ऐसिड मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाता है।

2- सेब का सिरका शरीर से यूरिक ऐसिड को हटाने में मदद करता हैं। एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेंटरी गुणों के कारण यह शरीर में क्षारीय ऐसिड संतुलन को बनाए रखता है। इसका सिरका ब्लड के पीएच वॉल्यूम को बढ़ाकर यूरिक ऐसिड को कम करने में मदद करता है।

3- अल्फा-अल्फा में कई तरह के विटामिन होते हैं, लेकिन यह सीरम यूरिक ऐसिड के स्तर को कम करने में मदद करता हैं। इसके अलावा अल्फा-अल्फा में एक पॉवरफुल अल्कलीजिंग गुण भी है, जो पीएच स्तर को बढ़ाकर यूरिक ऐसिड क्रिस्टल को शरीर से दूर करता है।

4- ब्लैक चेरी और चेरी का जूस यूरिक ऐसिड से होने वाली गठिया या किडनी स्टोन की समस्या में अच्छा है। ब्लैक चेरी यूरिक ऐसिड के सीरम स्तर को कम कर जोड़ों और किडनी से क्रिस्टल को दूर करने में मदद करता है। इसमें ऐंटीऑक्सीडेंट और ऐंटी इंफ्लेमेंटरी गुण भी होते हैं, जो यूरिक ऐसिड को कम करने में मदद करते हैं।

5- जैतून के तेल में बना आहार शरीर के लिए बेहद लाभदायक होता है। इसमें विटमिन ई की भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो यूरिक ऐसिड का लेवल कम करता है।

6- आलू, मटर, मशरूम, बैंगन और हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से यूरिक ऐसिड नॉर्मल रहता है।

7- मसूर की दाल, बीन्स, सोयाबीन और टोफू आदि यूरिक ऐसिड को कम करते हैं।

8- ओट्स, ब्राउन राइस और जौ से भी यूरिक ऐसिड को नियंत्रित किया जा सकता है।

9- बेकिंग सोडा यानी बाइकार्बोनेट ऑफ़ सोडा यूरिक ऐसिड का स्तर कम करने के लिए बेहतरीन उपाय है। बेकिंग सोडा शरीर में प्राकृतिक अल्कलाइन स्तर को बनाए रखता है और यूरिक ऐसिड को और अधिक घुलनशील बना देता है, जिससे यूरिक ऐसिड किडनी द्वारा आसानी से बाहर हो जाता है। हाई ब्लड प्रशर के मरीजों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

10-सुबह खाली पेट गर्म पानी में नींबू का रस लेना चाहिए। नींबू में पाया जाने वाला साइट्रिक यूरिक ऐसिड को खत्म करता है।

11- अजवाइन में दर्द दूर करने वाले ऐंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसलिए यह पेशाब से संबंधित विकार को दूर करने में मदद करती है।

12- कम फैट वाला दूध और डेयरी प्रॉडक्ट्स यूरिक ऐसिड को कम करते हैं।

13- फाइबर युक्त पदार्थ जैसे मक्का, सूखे मेवे इत्यादि से भी यूरिक ऐसिड को कन्ट्रोल में रखा जा सकता है।

14- लौकी के जूस से भी यूरिक ऐसिड कम होता है।

15- ऐंटी ऑक्सिडेंट से भरपूर चीजें जैसे अंगूर, लाल शिमला मिर्च इत्यादि का सेवन करने से भी यूरिक ऐसिड को कम किया जा सकता है।

16- गाजर और चुकंदर का जूस पीने से भी शरीर में पीएच लेवल बढ़ता है और यूरिक ऐसिड कम होता है।

17- विटामिन सी वाले फल जैसे आंवला, अमरूद इत्यादि खाने से भी यूरिक ऐसिड कम होता है।

18- ब्रोकली में फाइबर और विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। इसका सेवन करने से यूरिक ऐसिड को कन्ट्रोल में रखा जा सकता है।

19- रोजाना नारियल पानी पीने से भी यूरिक ऐसिड कम होता है।

20- एलोवेरा जूस में आंवले का रस मिलाकर पीने से यूरिक ऐसिड नॉर्मल रहता है।
   
20 foods to keep your uric acid at normal levels